BA Semester-1 Raksha Evam Strategic Study - Hindi book by - Saral Prshnottar Group - बीए सेमेस्टर-1 रक्षा एवं स्त्रातजिक अध्ययन - सरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-1 रक्षा एवं स्त्रातजिक अध्ययन

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2022
पृष्ठ :250
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2635
आईएसबीएन :0

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बीए सेमेस्टर-1 रक्षा एवं सैन्य अध्ययन

प्रश्न- युद्ध और शान्ति में अन्तर स्पष्ट कीजिए।

अथवा
युद्ध और शांति के बारे में बताइये।.

उत्तर:

जबसे मनुष्यों का जन्म हुआ है तब से युद्ध किसी न किसी रूप में होते आये हैं। युद्ध मनुष्य 1 की एक सनातन एवं स्फूर्तिदायिनी क्रिया है। प्रकृति स्वयं संघर्ष समर है। यह केवल उसी प्राणी के

अस्तित्व को स्वीकारती है जो अपने को श्रेष्ठतम सिद्ध करता है।

प्रसिद्ध सैन्य विचारक मोल्टसके के अनुसार “चिरकालीन शान्ति एक स्वप्न है और वह भी एक अच्छा स्वप्न नहीं क्योंकि युद्ध विश्व में ईश्वरीय अध्यादेश का एक अंग है। युद्ध में उत्साह, त्याग, कर्त्तव्य परायणता, बलिदान जैसे सद्गुणों का विकास होता है जो अन्य परिस्थितियों में जाग्रत नहीं होता या प्रायः नष्ट हो जाते हैं।

रस्किन के अनुसार "शांति की समस्त पवित्र एवं महान कलायें युद्ध पर आधारित हैं। सभी महान राष्ट्रों ने अपने शब्दों की सभ्यता तथा अपने विचारों की सामर्थ्य को युद्ध से जाना है। वे युद्ध काल में शक्तिशाली बने और शांतिकाल में नष्ट हो गये और अच्छे युद्ध ने शिक्षित किया और शांति ने भ्रमित। उन्हें युद्ध ने प्रशिक्षित किया तथा शांति ने धोखा दिया। एक शब्द में उन्हें युद्ध ने जन्मा और शांति ने नष्ट किया।

लिण्डसे के मतानुसार "युद्ध से मानसिक प्रेरणा मिलती है। भारी संख्या में आविष्कार, वैज्ञानिक व मुख्य बुद्धिजीवी लोग जो शांतिकाल में सामान्य प्रयत्नों में लगे रहते हैं, युद्ध प्रारम्भ होते ही अपनी समस्त क्षमता को उसमें लगा देते हैं, फिर वे इतनी तीव्र गति से तकनीकी सुधार और भौतीय उत्पादन करते हैं कि शांतिकाल में उसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती। "

युद्ध एक सामान्य शब्द है। युद्ध का शाब्दिक अर्थ है लड़ना। युद्ध प्रायः दो या दो से अधिक राज्यों के मध्य होता है। अतः हम यह कह सकते हैं कि राज्यों के मध्य होने वाला संघर्ष ही युद्ध है।

जे. एन. चन्द्रा के अनुसार "युद्ध शान्ति का कलुषित स्वरूप है तथा शान्ति युद्ध का दैदीप्यमान है।" इस परिभाषा से यह स्पष्ट होता है कि युद्ध और शान्ति में बहुत ही गहरे सम्बन्ध हैं।

शान्ति प्राप्त करने के लिये युद्ध का सहारा लेना पड़ता है और दूसरी तरफ युद्ध को समाप्त करने के लिये शान्ति को स्थापित करना पड़ता है। इस प्रकार दोनों ही रूपों में युद्ध एवं शान्ति एक-दूसरे से मिलकर ही चलते हैं।

जहाँ शान्ति है वहाँ युद्ध नहीं और जहाँ युद्ध है वहाँ शान्ति नहीं। वर्तमान अन्तर्राष्ट्रीय राजनीति में शान्ति की स्थापना के लिये युद्ध का सहारा लेना पड़ता है।

रस्किन के अनुसार “शान्ति की समस्त पवित्र एवं महान कलाएँ युद्ध पर आधारित हैं। सभी महान राष्ट्रों ने अपने शब्दों की सत्यता तथा अपने विचारों की सामर्थ्य को युद्ध से जाना है। वे युद्धकाल में शक्तिशाली बने और शान्तिकाल में नष्ट हो गये। उन्हें युद्ध ने शिक्षित किया और शान्ति ने भ्रमित। उन्हें युद्ध ने जन्मा तथा शान्ति ने नष्ट किया।

युद्ध एवं शान्ति में अन्तर समझने के लिये उनका आपसी सम्बन्ध समझना अति आवश्यक है। युद्ध में विजय प्राप्त कर अपने राष्ट्रीय हितों को संरक्षण एवं संवर्धन प्रदान करने की भावना के समान ही मानव में स्थायी शान्ति की भावना भी सदैव से रही है और यही कारण है कि युद्धोपरान्त विजयी तथा पराजित राष्ट्रों में जो समझौते होते हैं उनमें यह व्यवस्था अवश्य रहती है कि भविष्य में उभय राष्ट्र आपसी मतभेदों के समाधान के लिये शक्ति के प्रयोग अथवा युद्ध के मार्ग को नहीं अपनायेंगे।

वर्तमान युग के महान सैन्य विशेषज्ञ लिडिल हार्ट ने सन् 1960 में प्रकाशित अपनी पुस्तक 'प्रतिरोध' अथवा प्रतिरक्षा के माध्यम से विश्व के समक्ष विश्व शान्ति के निर्मित अपने विचार प्रस्तुत किये हैं। लिडिल हार्ट ने इन विचारों को शान्ति के आठ स्तम्भ नाम दिया है। इस प्रकार युद्ध एवं शान्ति का आपस में किसी न किसी रूप में प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष रूप से सम्बन्ध रहा है, परन्तु यदि हम युद्ध एवं शान्ति में अन्तर की बात करते हैं तो दोनों ही एक-दूसरे के पूरक हैं।

उदाहरणार्थ-

(1) युद्ध की स्थिति में अशान्ति एवं हिंसा फैलती है जबकि शान्ति के समय हिंसा एवं युद्ध की अनुपस्थिति रहती है।

(2) युद्ध शान्ति की स्थापना अथवा शान्ति भंग के लिये होते हैं, जबकि शान्ति सदैव युद्ध की अनुपस्थिति में ही होती है।

(3) युद्ध में सम्पूर्ण राष्ट्र किसी न किसी रूप में प्रभावित होता है, जबकि शान्ति सम्पूर्ण राष्ट्र की प्रगति में निरन्तर अग्रसर रहती है।

(4) युद्ध की उपस्थिति में अव्यवस्था फैलती है जबकि शान्ति की उपस्थिति में सभी कार्य सुचारू रूप से होते हैं।

(5) युद्ध एक ऐसा हिंसात्मक कार्य है जिसका उद्देश्य विरोधी को अपनी इच्छा मनवाने के लिये बाध्य करना है। शान्ति के द्वारा बिना किसी हिंसा के अपनी बात मनवाई जा सकती है।

(6) युद्ध का अध्ययन, मनन एवं चिन्तन करके युद्धों के इतिहास से शिक्षा ग्रहण करने से शान्ति स्थापना में मदद मिलती है।

(7) युद्ध जोर-जबरदस्ती, धमकी, प्रतिशोध जैसे शब्दों का परिणाम है, जबकि शान्ति में सुलह, जाँच, न्याय आदि शब्द सम्मिलित रहते हैं।

(8) युद्ध एक बाध्यकारी उपाय है जबकि अन्तर्राष्ट्रीय राजनीति में शान्तिपूर्ण उपाय ही अधिक प्रभावशाली है।

(9) युद्ध हिंसा का पर्यायवाची है, जबकि शान्ति, सुलह एवं आपसी सद्भाव का पर्यायवाची है। (10) युद्ध की उपस्थिति में शान्ति असम्भव है जबकि शान्ति की उपस्थिति में हिंसा अथवा युद्ध असम्भव है।

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- स्त्रातेजी अथवा कूटयोजना (Strategy) का क्या अभिप्राय है? इसकी विभिन्न परिभाषाओं की आलोचनात्मक व्याख्या कीजिए।
  2. प्रश्न- स्त्रातेजी का उद्देश्य क्या है? स्त्रातेजी के उद्देश्यों की पूर्ति के लिये क्या उपाय किये जाते हैं?
  3. प्रश्न- स्त्रातेजी के सिद्धान्त की विवेचना कीजिए।
  4. प्रश्न- महान स्त्रातेजी पर एक लेख लिखिये तथा स्त्रातेजी एवं महान स्त्रातेजी में अन्तर स्पष्ट कीजिये।
  5. प्रश्न- युद्ध कौशलात्मक भूगोल से आप क्या समझते हैं? सैन्य दृष्टि से इसका अध्ययन क्यों आवश्यक है?
  6. प्रश्न- राष्ट्रीय नीति के साधन के रूप में युद्ध की उपयोगिता पर प्रकाश डालिये।
  7. प्रश्न- स्त्रातेजी का अर्थ तथा परिभाषा लिखिये।
  8. प्रश्न- स्त्रातेजिक गतिविधियाँ तथा चालें किसे कहते हैं तथा उनमें क्या अन्तर है?
  9. प्रश्न- महान स्त्रातेजी (Great Strategy) क्या है?
  10. प्रश्न- पैरालिसिस स्त्रातेजी पर प्रकाश डालिये।
  11. प्रश्न- युद्ध की परिभाषा दीजिए। इसकी विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
  12. प्रश्न- युद्धों के विकास पर एक विस्तृत लेख लिखिए।
  13. प्रश्न- युद्ध से आप क्या समझते है? युद्ध की विशेषताएँ बताते हुए इसकी सर्वव्यापकता पर प्रकाश डालिए।
  14. प्रश्न- युद्ध की चक्रक प्रक्रिया (Cycle of war) का उल्लेख कीजिए।
  15. प्रश्न- युद्ध और शान्ति में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  16. प्रश्न- युद्ध से आप क्या समझते हैं?
  17. प्रश्न- वैदिककालीन सैन्य पद्धति एवं युद्धकला का वर्णन कीजिए।
  18. प्रश्न- राजदूतों के कर्तव्यों का विशेष उल्लेख करते हुए प्राचीन भारत की युद्ध कूटनीति पर एक निबन्ध लिखिये।
  19. प्रश्न- समय और कालानुकूल कुरुक्षेत्र के युद्ध की अपेक्षा रामायण का युद्ध तुलनात्मक रूप से सीमित व स्थानीय था। कुरुक्षेत्र के युद्ध को तुलनात्मक रूप में सम्पूर्ण और 'असीमित' रूप देने में राजनैतिक तथा सैन्य धारणाओं ने क्या सहयोग दिया? समीक्षा कीजिए।
  20. प्रश्न- वैदिक कालीन "दस राजाओं के युद्ध" का वर्णन कीजिये।
  21. प्रश्न- महाकाव्यों के काल में युद्धों के वास्तविक कारण क्या होते थे?
  22. प्रश्न- महाकाव्यों के काल में युद्ध के कौन-कौन से नियम होते थे?
  23. प्रश्न- महाकाव्यकालीन युद्ध के प्रकार एवं नियमों की विवेचना कीजिए।
  24. प्रश्न- वैदिक काल के रण वाद्य यन्त्रों के बारे में लिखिये।
  25. प्रश्न- पौराणिक काल में युद्धों के क्या कारण थे?
  26. प्रश्न- प्राचीन भारतीय सेना के युद्ध के नियमों को बताइये।
  27. प्रश्न- युद्ध के विभिन्न सिद्धान्तों का वर्णन कीजिए।
  28. प्रश्न- युद्धों के सिद्धान्तों में प्रशासन (Administration) का क्या महत्व है?
  29. प्रश्न- नीति के साधन के रूप में युद्ध के प्रयोग पर सविस्तार एक लेख लिखिए।
  30. प्रश्न- राष्ट्रीय नीति के साधन के रूप में युद्ध की उपयोगिता पर प्रकाश डालिये।
  31. प्रश्न- राष्ट्रीय शक्ति के निर्माण में युद्ध की भूमिका पर प्रकाश डालिए।
  32. प्रश्न- अतीत को युद्धों की तुलना में वर्तमान समय में युद्धों की संख्या में कमी का क्या कारण है? प्रकाश डालिए।
  33. प्रश्न- आधुनिक युद्ध की प्रकृति और विशेषताओं की विस्तार से व्याख्या कीजिए।
  34. प्रश्न- आधुनिक युद्ध को परिभाषित कीजिए।
  35. प्रश्न- गुरिल्ला स्त्रातेजी पर माओत्से तुंग के सिद्धान्तों का उल्लेख करते हुए गुरिल्ला युद्ध के चरणों पर प्रकाश डालिए।
  36. प्रश्न- चे ग्वेरा के गुरिल्ला युद्ध सम्बन्धी विभिन्न विचारों का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए।
  37. प्रश्न- गुरिल्ला युद्ध (छापामार युद्ध) के उद्देश्यों का वर्णन कीजिए तथा गुरिल्ला विरोधी अभियान पर प्रकाश डालिए।
  38. प्रश्न- प्रति विप्लवकारी (Counter Insurgency) युद्ध के तत्वों तथा अवस्थाओं पर प्रकाश डालिए।
  39. प्रश्न- चीन की कृषक क्रान्ति में छापामार युद्धकला की भूमिका पर अपने विचार लिखिए।
  40. प्रश्न- चे ग्वेरा ने किन तत्वों को छापामार सैन्य संक्रिया हेतु परिहार्य माना है?
  41. प्रश्न- छापामार युद्ध कर्म (Gurilla Warfare) में चे ग्वेरा के योगदान की विवेचना कीजिए।
  42. प्रश्न- गुरिल्ला युद्ध में प्रचार की भूमिका पर प्रकाश डालिए।
  43. प्रश्न- गुरिल्ला युद्ध कर्म की स्त्रातेजी और सामरिकी पर प्रकाश डालिये।
  44. प्रश्न- छापामार युद्ध को परिभाषित करते हुए इसके सम्बन्ध में चे ग्वेरा की विचारधारा का वर्णन कीजिए।
  45. प्रश्न- लेनिन की गुरिल्ला युद्ध-नीति की विवेचना कीजिए।
  46. प्रश्न- गुरिल्ला युद्ध क्या है?
  47. प्रश्न- मनोवैज्ञानिक युद्ध कर्म पर एक निबन्ध लिखिए।
  48. प्रश्न- आधुनिक युद्ध क्या है? 'आधुनिक युद्ध अन्ततः मनोवैज्ञानिक है' विस्तृत रूप से विवेचना कीजिए।
  49. प्रश्न- सैन्य मनोविज्ञान के बढ़ते प्रभाव क्षेत्र का वर्णन कीजिए।
  50. प्रश्न- मनोवैज्ञानिक युद्ध के कौन-कौन से हथियार हैं? व्याख्या कीजिए।
  51. प्रश्न- प्रचार को परिभाषित करते हुए इसके विभिन्न प्रकारों का वर्णन कीजिए।
  52. प्रश्न- अफवाह (Rumor) क्या है? युद्ध में इसके महत्व का उल्लेख करते हुए अफवाहों को नियंत्रित करने की विधियों का वर्णन कीजिए।
  53. प्रश्न- आतंक (Panic) से आप क्या समझते हैं? आंतंक पर नियंत्रण पाने की विधि का वर्णन कीजिए।
  54. प्रश्न- भय (Fear) क्या है? युद्ध के दौरान भय पर नियंत्रण रखने वाले विभिन्न उपायों का वर्णन कीजिए।
  55. प्रश्न- बुद्धि परिवर्तन (Brain Washing) क्या हैं? बुद्धि परिवर्तन की तकनीकों तथा इससे बचने के उपायों का उल्लेख कीजिए।
  56. प्रश्न- युद्धों के प्रकारों का उल्लेख करते हुए विशेष रूप से मनोवैज्ञानिक युद्ध का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए।
  57. प्रश्न- युद्ध की परिभाषा दीजिए। युद्ध के सामाजिक, राजनैतिक, सैन्य एवं मनोवैज्ञानिक कारणों की विवेचना कीजिए।
  58. प्रश्न- कूटनीतिक प्रचार (Strategic Propaganda ) एवं समस्तान्त्रिक प्रचार (Tactical Propaganda ) में अन्तर स्पष्ट कीजिये।
  59. प्रश्न- प्रचार एवं अफवाह में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  60. प्रश्न- मनोवैज्ञानिक युद्ध की उपयोगिता बताइये।
  61. प्रश्न- युद्ध एक आर्थिक समस्या के रूप में विवेचना कीजिए।
  62. प्रश्न- आर्थिक युद्ध की परिभाषा दीजिए। आर्थिक युद्ध कर्म पर एक निबन्ध लिखिए।
  63. प्रश्न- आधुनिक युद्ध राजनीतिक सैनिक कारणों की अपेक्षा सामाजिक आर्थिक कारकों के कारण अधिक होते हैं। व्याख्या कीजिए।
  64. प्रश्न- आर्थिक क्षमता से आप क्या समझते हैं?
  65. प्रश्न- आधुनिक युद्ध में आर्थिक व्यवस्था का महत्व बताइये।
  66. प्रश्न- युद्ध को प्रभावित करने वाले तत्वों में से प्राकृतिक संसाधन पर प्रकाश डालिए।
  67. प्रश्न- युद्ध कौशलात्मक आर्थिक क्षमताएँ व दुर्बलताएँ बताइये।
  68. प्रश्न- युद्धोपरान्त उत्पन्न विभिन्न आर्थिक समस्याओं का विश्लेषण कीजिये
  69. प्रश्न- युद्ध की आर्थिक समस्यायें लिखिए?
  70. प्रश्न- युद्ध के आर्थिक साधन क्या हैं?
  71. प्रश्न- परमाणु भयादोहन के हेनरी किसिंजर के विचारों की व्याख्या कीजिये।
  72. प्रश्न- आणविक भयादोहन पर एक निबन्ध लिखिये।
  73. प्रश्न- परमाणु भयादोहन और रक्षा के सन्दर्भ में निम्नलिखित सैन्य विचारकों के विचार लिखिए। (i) आन्द्रे ब्यूफ्रे (Andre Beaufre), (ii) वाई. हरकाबी (Y. Harkabi), (iii) लिडिल हार्ट (Liddle Hart), (iv) हेनरी किसिंजर (Henery Kissinger) |
  74. प्रश्न- परमाणु युग में सशस्त्र सेनाओं की भूमिका की विस्तृत समीक्षा कीजिए।
  75. प्रश्न- मैक्यावली से परमाणु युग तक के विचारों एवं प्रचलनों की विवेचना कीजिए।
  76. प्रश्न- आणविक युग में युद्ध की आधुनिक स्रातेजी को कैसे प्रयोग किया जायेगा?
  77. प्रश्न- 123 समझौते पर विस्तार से लिखिए।
  78. प्रश्न- परमाणविक युद्ध की प्रकृति एवं विशिष्टताओं का वर्णन कीजिए।
  79. प्रश्न- आणविक शीत से आप क्या समझते हैं?
  80. प्रश्न- नाभिकीय तनाव को स्पष्ट कीजिए।
  81. प्रश्न- परमाणु बम का प्रथम बार प्रयोग कब और कहाँ हुआ?
  82. प्रश्न- हेनरी किसिंजर के नाभिकीय सिद्धान्त का मूल्यांकन कीजिए।
  83. प्रश्न- व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबन्ध सन्धि (C.T.B.T) से आप क्या समझते हैं?
  84. प्रश्न- हरकावी के नाभिकीय भय निवारण- सिद्धान्त का मूल्यांकन कीजिए।
  85. प्रश्न- आणविक युग पर प्रकाश डालिए।
  86. प्रश्न- हर्काबी के नाभिकीय युद्ध संक्रिया सम्बन्धी विचारों की समीक्षा कीजिए।
  87. प्रश्न- रासायनिक तथा जैविक अस्त्र क्या हैं? इनके प्रयोग से होने वाले प्रभावों की विवेचना कीजिए।
  88. प्रश्न- रासायनिक युद्ध किसे कहते हैं? विस्तार से उदाहरण सहित समझाइए।
  89. प्रश्न- विभिन्न प्रकार के रासायनिक हथियारों पर प्रकाश डालिए।
  90. प्रश्न- जैविक युद्ध पर एक निबन्ध लिखिए।
  91. प्रश्न- रासायनिक एवं जैविक युद्ध कर्म से बचाव हेतु तुलनात्मक अध्ययन कीजिए।
  92. प्रश्न- रासायनिक एवं जीवाणु युद्ध को समझाइये |
  93. प्रश्न- जनसंहारक अस्त्र (WMD) क्या है?
  94. प्रश्न- रासायनिक एवं जैविक युद्ध के प्रमुख आयामों पर संक्षिप्त टिप्पणी कीजिए।
  95. प्रश्न- विश्व में स्थापित विभिन्न उद्योगों में रासायनिक गैसों के उपयोग एवं दुष्प्रभाव परप्रकाश डालिए।
  96. प्रश्न- प्रमुख रासायनिक हथियारों के नाम एवं प्रभाव लिखिए।

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